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विविध भजन

jinhone hamen pyar karna sikhaya unhi vyas nandan ki jay bolte hain,जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं

जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।

जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।


जिन्होंने लड़ैती सी स्वामिनी हमें दीं ,दिये लाल से नेह सागर छबीले ॥
दिए फूंक प्राणो में वंशी के वे स्वर ,मिले जिनसे उन तक पहुँच के वसीले ॥ महारंक को प्रेम सा धन लुटाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं।जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।



विपिन बीथियों की डगर जिनने, डाली दिखाई प्रणय की अनूठी प्रणाली ॥
जहाँ श्याम श्यामा के मिलने की राहें वहाँ से विरह भीति जिनने निकाली ।
जिन्होंने प्रणय को सँवारा सजाया, उन्ही हित हरिवंश जू की जै बोलते हैं ॥ जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।



कहानी कही उस नवल नेह तट की जिसे छूके बहती है श्रृंगार धारा ।
जहाँ मिलके नूपुर से बजती है वंशी जहाँ गोरे चरणों का ही एक सहारा ॥
उन्हीं को हृदय हार जिनने बनाया, उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं।जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।



शरण जिसको दे दी हृदय से लगाया उठा कर जगत से विपिन में लगाया । हटा कर विषय पंक से धीरे धीरे प्रिया लाल के प्रेम सर में न्हवाया ॥
जिन्होंने ललित नेह नाता निभाया, उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं।जिन्होंने हमे प्यार करना सिखाया उन्ही व्यास नंदन की जय बोलते हैं ।

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