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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

charo palla sua mor bich me koyal karti shor,चारो पल्ला सुआ मोर बीच में कोयल करती शोर,dadi bhajan

चारो पल्ला सुआ मोर, बीच में कोयल करती शोर।

चारो पल्ला सुआ मोर, बीच में कोयल करती शोर।चारो पल्ला सुआ मोर, बीच में कोयल करती शोर।सुन म्हारी,
दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी।



जोधपुर से ल्याया चुनड़ी मारवाड़ को छापो।
खण्डेला को साचो गोटो पुरो पाँच गज नाप्यो।जोधपुर से ल्याया चुनड़ी मारवाड़ को छापो।
खण्डेला को साचो गोटो पुरो पाँच गज नाप्यो।
आरी तारी को जाल बनायो देखो करके गोर।
दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..
सुहाणी लागे थारी चुनड़।



जयपरिये से ल्याया घाघरो बावन कली को मोटो।लाम्पी बिचियो और बाकड़ो साचो लगायो गोटो।जयपरिये से ल्याया घाघरो बावन कली को मोटो।लाम्पी बिचियो और बाकड़ो साचो लगायो गोटो।हीरा पन्ना चमके ज्यामे और रेशम की डोर।दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी।



सीकर से चाँदी की पोली और बनायो झुमको।
चूरू से तो नथ मंगाई और नागोर से कब्जो।सीकर से चाँदी की पोली और बनायो झुमको।
चूरू से तो नथ मंगाई और नागोर से कब्जो।
रूप सुहानो निरख निरख कर नाचे जो मन मोर।
दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी।



कोटाबूँदी से पायल बनाई और मोत्या को चुड़ो।
बीकानेरी जड़ाऊ बोरलो कनफूला को चुड़ो।कोटाबूँदी से पायल बनाई और मोत्या को चुड़ो।
बीकानेरी जड़ाऊ बोरलो कनफूला को चुड़ो।
उदियापुर की तागड़ी ज्यामे झालर लटके ज़ोर।
दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी।

चारो पल्ला सुआ मोर, बीच में कोयल करती शोर।चारो पल्ला सुआ मोर, बीच में कोयल करती शोर।सुन म्हारी,
दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी।

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