तर्ज, श्याम चूड़ी बेचने आया
छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।
इस मेले मे गणपति जी आये। संग मे अपने रिद्धि सिद्धि लाये।
देखो कोई न आया अकेला, आया सावन का पावन मेला।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।
इस मेले मे ब्रम्हा जी आये। संग मे अपने ब्रम्हाणी को लाय।देखो कोई न आया अकेला, आया सावन का पावन मेला।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।
इस मेले में विष्णु जी आये, सग मे अपने लक्ष्मी जी लाय।देखो कोई न आया अकेला। आया सावन का पावन मेला ।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।
इस मेले शंकर जी आये। संग मे अपने गौरा को लाये।देखो कोई न आया अकेला। आया सायन का पावन मेला।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।
इस मेले में राम जी आये। संग मे अपने सीता को लाय।देखो कोई न आया अकेला। आया सावन का पावन मेला।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।
इस मेले कृष्ण जो आये, संग मे अपने राधा को लाये।देखो कोई न आया अकेला। आया सावन का पावन मेला।छोडो छोड़ो ये घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला।