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विविध भजन

Mayi re mayi me to aaju pari nidhi payi,माई री मैं तो आजु परी निधि पाई

माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।

माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।


जेहि खोजत मोहिं युग युग बीत्यो, पर्यो न कतहुँ लखाई।। माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।


तेहि मोहिँ साधनहीन जानि के, रसिकन दई बताई। माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।


पारस लहि बौरात रंक ज्यों, त्यों हौं गई बौराई।।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।


भरी गुमान रैन दिन डोलति, करति सदा मनभाई। माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।


सो ‘कृपालु’ बिनु मोल मिलत निधि, राधे नाम सदाई।। माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।

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