ओ मन बड़ो जबर रे संता,
ओ मन बड़ो जबर रै,
ज्यारे काम पड़े इण मन से,
वाको पूरी ख़बर रे संता,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ओ मन म्हारो भव आकाशा,
बिना पांख्या बिना पर रै,
लाख कोस री सूरत लगावै,
सांधे पाळ अधर रे संतो,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ज्यारे काम पड़े इण मन से,
वाको पूरी ख़बर साधू भाई,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ओ मन मारो माया संग डौले,
फिर थो फिर घर घर र संता,
सौ वर्षा को नींव लगावे,
पल री नहीं खबर रे,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ज्यारे काम पड़े इण मन से,
वाको पूरी ख़बर साधू भाई,
ओ मन बड़ो जबर रै।
सब दुनिया ने नाँच नचावे,
सब रे घाली तर रे
ज्ञानी ध्यानी पकड़ पछाड़यो,
मन में कियो सर रे,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ज्यारे काम पड़े इण मन से,
वाको पूरी ख़बर साधू भाई,
ओ मन बड़ो जबर रै।
मन ने मार सूरत ने डाँटे,
वो है पूरा फक्कड़ रे,
कहे कबीर सुणो भाई साधो,
पाया सो निज घर रै,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ज्यारे काम पड़े इण मन से,
वाको पूरी ख़बर साधू भाई,
ओ मन बड़ो जबर रै।
ओ मन बड़ो जबर रे संता,
ओ मन बड़ो जबर रै,
जिनके काम पड़े इण मन से,
वाको पूरी ख़बर रे संता,
ओ मन बड़ो जबर रै।