गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी। हम मुरख तुम ज्ञानी। अब तो है सारी उमरिया, तेरी सेवा में हित ठानी।गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी।
गुरु जी हम बगिया तुम माली।गुरु जी हम बगिया तुम माली। तेरे दर के हम सवाली। गुरु जी हम मांगते तुम दानी।हम मुरख तुम ज्ञानी। अब तो है सारी उमरिया, तेरी सेवा में हित ठानी।गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी।
गुरुजी तुम सागर हम नैया। गुरुजी तुम सागर हम नैया।हम डूबे तुम खिवैया। गुरु जी हम प्यासे, तुम पानी।हम मुरख तुम ज्ञानी। अब तो है सारी उमरिया, तेरी सेवा में हित ठानी।गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी।
गुरुजी हम दीपक तुम ज्योति। गुरुजी हम दीपक तुम ज्योति। हम धागा तुम मोती। गुरु जी हम अक्षर तुम बानी।हम मुरख तुम ज्ञानी। अब तो है सारी उमरिया, तेरी सेवा में हित ठानी।गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी।
गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी। हम मुरख तुम ज्ञानी। अब तो है सारी उमरिया, तेरी सेवा में हित ठानी।गुरु जी हम सेवक तुम स्वामी।