तर्ज- अफसाना लिख रही हूँ
तेरी हर मुश्किल को बाबा, आसान कर देगा, जो काम नहीं तेरे बस का है, वो श्याम कर देगा ।
अरदास लगा बाबा से,तू कर्म किये जा अपना। नेकी के रस्ते चल, अच्छा ही होगा फल। तेरे दिल का हर एक पूरा, अरमान कर देगा। जो काम नहीं तेरे बस का है,वो श्याम कर देगा ।
तू सुमिरण करते रहना, बाकी ये संभालेगा। चाहे आँधी तूफां आये, ये तुझको बचा लेगा। दिखला के अपनी शक्ति, हैरान कर देगा।जो काम नहीं तेरे बस का है, वो श्याम कर देगा ।।
बाबा की शरण में सबका, हर काम संवरता है, विश्वास अगर हो पक्का, क्यूं चिंता करता है, खुशियों से दामन भर के, अहसान कर देगा। जो काम नहीं तेरे बस का है, वो श्याम कर देगा ।
तेरी हर मुश्किल को बाबा, आसान कर देगा, जो काम नहीं तेरे बस का है, वो श्याम कर देगा।