गुरुदेव मेरी ये प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा। शुकदेव मेरी ये प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा। छूटे भले ये संसार सारा, छूटे कभी ना सहारा तुम्हारा। गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा ।
अपराधी मैं तुम क्षमा के हो सागर, तुम प्रेम दाता मेरी खाली गागर। एक बार देखो दशा मेरी आकर, काहे को करते हो मुझसे किनारा।गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा ।।
नियम नही है संयम नहीं है, वैराग्य का एक लक्षण नही है। भक्ति नही है साधन नहीं है, रो रो के तुमको कभी ना पुकारा।गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा ।।
आंखों से माया का पर्दा हटा दो, युगल को दिखा दो दासी बना दो। निज रूप गुरुदेव अपना जना दो, तुम बिन मेरा ना होगा गुजारा। गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।
ना अपराध मेरे चित में धरोगे, कृपा के बने हो कृपा ही करोगे। क्षमा से भरे हो क्षमा ही करोगे, बुला ‘गौरदास’ चरण सिर धरोगे, तभी होगा मुझसे अधम का निवारा। गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा ।।
गुरुदेव मेरी ये प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा। शुकदेव मेरी ये प्रार्थना है, भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा। छूटे भले ये संसार सारा, छूटे कभी ना सहारा तुम्हारा। गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा ।