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विविध भजन

Kyu bhul Gaya insan rasta bhakti ka,क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का

क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।

क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।भक्ति का हा भक्ति का।क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।

बालक पन दिया बिता रे खेल मे। मित्र सखा की गैल पहल मेंबालक पन दिया बिता रे खेल मे। मित्र सखा की गैल पहल में। ना याद किया रे भगवान रास्ता भक्ति का।क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।

चांदी रूप देख बौराया। कमा कमा कर जोड़ी माया।चांदी रूप देख बौराया। कमा कमा कर जोड़ी माया। क्यों करने लगा रे गुमान रास्ता भक्ति का।क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।

गौड़ होया तो गिल गिल फंस गया। घर परिवार शिकंजा कस गया।गौड़ होया तो गिल गिल फंस गया। घर परिवार शिकंजा कस गया। नाकिया हरि का ध्यान रास्ता भक्ति का।क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।

देख बुढ़ापा अब क्यों रोवे। वैसा ही काटे जैसा बोवे।देख बुढ़ापा अब क्यों रोवे। वैसा ही काटे जैसा बोवे। भगवान चंद्र ले मान रास्ता भक्ति का।क्यों भूल गया रे इंसान रास्ता भक्ति का।

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