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विविध भजन

Kis cheej ki nandi pratiksha kar rahe the,किस चीज की नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे

किस चीज की नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे

किस चीज की नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे। जो है अपना हम उसे पराया समझ रहे थे। क्यों ना दिल से दिल जोड़े गए। तो हमारे मंदिर तोड़े गए। सोई किस्मत जाग रही है भारत सत्य सनातन की। मस्जिद से शिवलिंग बोल रहे हैं अपनी बात पुरातन की। इतिहास और अंग्रेजों का हर पन्ना फाड़ फूडाएंगे। जहां हमारे शिव निकले हम मंदिर वहां बनाएंगे।जहां हमारे शिव निकले हम मंदिर वहां बनाएंगे। ओम नमः शिवाय बोलो ओम नमः शिवाय

भारत भूमि ऋषियों की खून से हमने सींचा है। मुगल अकबर अंग्रेजों को गिरेबान पकड़कर खींचा है।भारत भूमि ऋषियों की खून से हमने सींचा है। मुगल अकबर अंग्रेजों को गिरेबान पकड़कर खींचा है। घर के अंदर रणचंडी की फिर से ललकार लगाएंगे। अबकी बार सावन में मथुरा में जल चढ़ाएंगे।अबकी बार सावन में मथुरा में जल चढ़ाएंगे। ओम नमः शिवाय बोलो ओम नमः शिवाय

यह सांस्कृतिक आजादी है रोटी वोटी से मत जोड़ो। व्यवस्था चार वरण की है आपस में लड़ कर मत तोड़ो।यह सांस्कृतिक आजादी है रोटी वोटी से मत जोड़ो। व्यवस्था चार वरण की है आपस में लड़ कर मत तोड़ो। हिंदू के दिल में हिंदुत्व की मिलकर ज्योत जगाएंगे।जहां हमारे शिव निकले हम मंदिर वहां बनाएंगे। ओम नमः शिवाय बोलो ओम नमः शिवाय

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