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विविध भजन

Kirtan karte karte me tujh me kho jaau,कीर्तन करते करते मैं तुझमे खो जाऊं

कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं

तर्ज – होंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो

कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं
तू मेरा हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊं ,
कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं ,



नैनो को तेरे सिवा,
कुछ भी ना दिखाई दे
भजनों के सिवा बाबा,
कुछ भी ना सुनाई दे,
जिस भाव में बहते हो,
उस भाव को मैं गाऊं
कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं।।



चाहे कुछ भी हो जाए,
मन मेरा ना भटके ,
ऐसी ना गलती हो,
जो दिल में मेरे खटके,
नैनो से धारा बहे,
होंठों से मुस्काऊँ
कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं।।



केवल मैं और तू है,
अहसास हो ये मन में,
कहे श्याम सिवा तेरे,
कुछ ना हो जीवन में ,
कृपा ऐसी कर दे,
उस पार उतर जाऊं,
कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं।।

कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं
तू मेरा हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊं ,
कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊं ,

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