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विविध भजन

Ramji ro rakh bharoso,राम जी रो राख भरोसो मेरा भाई

राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई।

दादू दुनियाँ बावळी,और बात करे गैली,
रोटी देसी रामजी,दोपाराह पेहली।
राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई,
जे तू राखे राम भरोसो,कमी ना राखे काई,
राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई।



अजगर उड़े ना धरणा पे लौटे,चांच मोड़ ना खाई,वा तो ओदर राम भरत है,पल भर ना बिसराई,राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई,
जे तू राखे राम भरोसो,कमी ना राखे काई,
राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई।



कीड़ी ने कण राम पुरवे,हाथी मण भर खाई,
अनडे का खेरू,बसे अकाशा,उनको भी चून चुगाई,ओ, राम जी रो राख भरोसो,
मेरा भाई,जे तू राखे राम भरोसो,कमी ना राखे काई,राम जी रो राख भरोसो,
मेरा भाई।



राम जणा ने राम पूरवे,वेद पुराण यूँ गाई,
हरिजन जन होय जगत को जाँचे,लाज त्रिभुवन राई।ओ, राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई,
जे तू राखे राम भरोसो,कमी ना राखे काई,
राम जी रो राख भरोसो,
मेरा भाई।



जम के द्वारे कबहूँ ना जाऊँ,यह मेरे मन भाई,
कहे कबीरा सुणों भाई साधो,राम जी ने लाज बढ़ाई,राम जी रो राख भरोसो,मेरा भाई,
जे तू राखे राम भरोसो,
कमी ना राखे काई,राम जी रो राख भरोसो,
मेरा भाई।

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