हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।
ये जीवन एक कागज की नैय्या, हवा चले उड़ जाना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।
ये जीवन एक मति का ढेर, पानी गिरे बे जाना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।
ये जीवन एक मकड़ी का जाल। पता नही कब मर् जाना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।
हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।