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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Mathura me aaja meri radha kyo ruthe radha ghani ghani,मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी,krishna bhajan

मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी

तर्ज, तू नीले चढ़कर आ जा

मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।

मैं कैसे आऊं मेरे कान्हा, मेरे ते प्यारी बंसी तने।मैं कैसे आऊं मेरे कान्हा, मेरे ते प्यारी बंसी तने। तु तो यूं ही जलती मेरी राधा, बंसी तो मेरे होठों की शोभा से।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।

मैं कैसे आऊं मेरे कान्हा, मेरे ते प्यारा मोर पंख तने तु तो यूं ही जलती मेरी राधा, मोर पंख मेरे शीश की शोभा से।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।

मैं कैसे आऊं मेरे कान्हा, तुझे गऊवे मेरे ते प्यारी से। तू तो यूं ही जलती मेरी राधा, ये गउवे मेरी गोकुल की शोभा से।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।

मैं कैसे आऊं मेरे कान्हा,मेरे ते प्यारा सुदामा तने।तू तो यूं ही जलती मेरी राधा, यो सुदामा तो मेरा जिगरी से।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।

मैं कैसे आऊं मेरे कान्हा,मेरे ते प्यारी गोपी तने।तू तो यूं ही जलती मेरी राधा,गोपियों संग दोनू रास रचावा।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।मथुरा में आजा मेरी राधा क्यों रूठे राधा घणी-घणी।

मैं तो इब आई मेरे ग्वाले,में तो यूं ही जल रही घणी घणी।मैं तो इब आई मेरे ग्वाले,में तो यूं ही जल रही घणी घणी।

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