कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना। इस अंधियारे जीवन में खुशियों का दिया जला जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं,
चौकी सजा कर दिया जलाकर तेरा नाम ही जपती हूं। कभी तो देंगे दर्शन प्रभु जी यह मन को समझाती हूं।चौकी सजा कर दिया जलाकर तेरा नाम ही जपती हूं। कभी तो देंगे दर्शन प्रभु जी यह मन को समझाती हूं। एक दुखियारी रही पुकार बाबा हाथ पकड़ लेना।इस अंधियारे जीवन में खुशियों का दिया जला जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं,
पूरी दुनिया में सब और देखो खुशियां छाई है। मेरे मन में फिर भी अंधकार की खाई है।पूरी दुनिया में सब और देखो खुशियां छाई है। मेरे मन में फिर भी अंधकार की खाई है। मेरे बिखरे जीवन का तुम हल कोई बतला जाना।इस अंधियारे जीवन में खुशियों का दिया जला जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं,
बिटिया मैया बहना का न कलयुग में सम्मान है। झूठे इस संसार में मेरा बचा न कोई मान है।बिटिया मैया बहना का न कलयुग में सम्मान है। झूठे इस संसार में मेरा बचा न कोई मान है। भाई बनके श्याम सांवरिया मेरी लाज बचा जाना।इस अंधियारे जीवन में खुशियों का दिया जला जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं,
कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना। इस अंधियारे जीवन में खुशियों का दिया जला जाना।कब से राह निहार रही हूं, मेरे घर भी आ जाना।कब से राह निहार रही हूं,