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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Gurasa aisa rang chadhaya ,गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया,guru bhajan

गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।

जो न उतरे तीन काळ में दिन दिन होत सवाया।
गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।




छिपीं छाप सके नहीं ऐसा ना रंगरेज रंगाया, कहन सुणन में आव नाहीं दिन दिन होत सवाया।जो न उतरे तीन काळ में दिन दिन होत सवाया।गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।





श्याम सफ़ेद पीला नहीं नीला अद्भुद वर्ण बनाया। नेत्र नाही पहचान सकत है गुरूजी सेन बताया।जो न उतरे तीन काळ में दिन दिन होत सवाया।गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।





ह्रदय वस्त्र रंग भक्ति का लागत परम सवाया, ज्ञान विज्ञान लहरिया किन्या ओढ़ प्रेम सुख पाया।जो न उतरे तीन काळ में दिन दिन होत सवाया।गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।



चम्पानाथ प्रेम के रंग में,रंग कंठा पहनाया।
सहजी सुन्न में लगी समाधी”अमृतनाथ” सवाया।जो न उतरे तीन काळ में दिन दिन होत सवाया।गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।

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