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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Phoolan so phool rahyo vrindavan dham,फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम,krishna bhajan

फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम।श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम।श्यामा श्याम जय श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

मोरहो बनाईहो तो बनाईहो वृंदावन को।मोरहो बनाईहो तो बनाईहो वृंदावन को।मोरहो बनाईहो तो बनाईहो वृंदावन को। मैं नाच नाच कूद कूद तुम्हीं को रिझाऊंगा।

बंदर बनाईहो तो बनाईहो सेवा कुंज कोबंदर बनाईहो तो बनाईहो सेवा कुंज को।में कूद कूद फांद वृक्ष जोरन दिखाऊंगा।

मोहे भिक्षुक बनाइहो तो बनाईहो राधा कुंड को।मोहे भिक्षुक बनाइहो तो बनाईहो राधा कुंड को।में भाग भाग डूब बृज बासीन दिखाऊंगा।

मोहे रसिक बनाईहो तो बनाईहो बरसाने को।मोहे रसिक बनाईहो तो बनाईहो बरसाने को। मैं आठों याम श्यामा श्याम श्यामा श्याम गाऊंगा। आठों याम श्यामा श्याम श्यामा श्याम गाऊंगा। आठों याम श्यामा श्याम श्यामा श्याम गाऊंगा।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

फूलन की चंद्रकला शीशफूल फूलन के।फूलन की चंद्रकला शीशफूल फूलन के। फूलन के झुमका श्रवण सुकुमारी के। फूलन की कन्धनी विशाल नव फूलन की। फूलन को वृंदा थाल रजत कुमारी के। फूलन की चंपकली हार गले फूलन के। फूलन के गजरे ललित घर प्यारी के। फूलन की पद पायल फूलन सुहाग सदा। फूलन सुहाग मेरी श्यामा प्यारी के। फूलन सुहाग मेरी लाडली प्यारी के।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

कीरत सुता के पग पग पर प्रयाग यहां। केशव के केस कुंज कोटि-कोटि कासी है। जमुना में जगन्नाथ रेणुका में राम है। तरु तरु पे यहां अयोध्या निवासी हैजहां गोपीन के द्वार द्वार द्वार पर है हरिद्वार। गायत्री केदारनाथ बसे बास बासी है। स्वर्ग अपवर्ग व्यर्था लेकर करेंगे क्या। जानते नहीं हो हम वृंदावन वासी है।जानते नहीं हो हम वृंदावन वासी है।जानते नहीं हो हम वृंदावन वासी है।जानते नहीं हो हम वृंदावन वासी है।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

जाओ जिसे जाना होए भले तप करने को। शीघ्र जाओ जीसे प्यारी गंगाजल धारा हो। जाकर गुफाओं में योगासन लगाओ खूब। करले प्रयत्न जहां जिसका गुजारा हो। धूनी पंचाग्नि जगाए जिसे तापनी हो।अरे होता उद्धार यदि हठयोग द्वारा हो। मैं तो यही चाहती हूं वृंदावन कुंजन में। मैं हूं अकेली और सांवरा हमारा हो।मैं हूं अकेली और सांवरा हमारा हो।मैं हूं अकेली और सांवरा हमारा हो।मैं हूं अकेली और सांवरा हमारा हो।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।श्यामा श्याम मेरे श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।फूलन सो फूल रहयो वृंदावन धाम।लागी रट चहुं दिशी श्यामा श्याम।

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