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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

guru ke desh chali jaungi,गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी

गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी

गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।

मेरे गुरु के बाग बहुत है, बाग की मालिक बन जाऊंगी।लौट के फिर ना आऊंगी।गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।

मेरे गुरु के ताल बहुत है, ताल की धोबिन बन जाऊंगी,लौट के फिर ना आऊंगी।गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।

मेरे गुरु के कुएं बहुत हैं। कुए की ढीमर बन जाऊंगी,लौट के फिर ना आऊंगी।गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।

मेरे गुरु के महल बहुत है। महल की रानी बन जाऊंगी,लौट के फिर ना आऊंगी।गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।

मेरे गुरु के मंदिर बहुत है। मंदिर की पूजारन बन जाऊंगी,लौट के फिर ना आऊंगी।गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी।

गुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगीगुरु के देश चली जाऊंगी लौट के फिर ना आऊंगी

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