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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam rahmat ke samandar me,श्याम रहमत के समंदर में उतर जाने दे,shyam bhajan

श्याम रहमत के समंदर में, उतर जाने दे।

श्याम धणी सरकार, सबके पालनहार। श्याम रहमत के समंदर में, उतर जाने दे। तेरी सेवा में ये जीवन, अब गुजर जाने दे, श्याम रहमत के समंदर मे, उतर जाने दे।



तेरे दर्शन को दीवाने, जो चले राहों में। मिली थोड़ी सी, तेरे दर की धूल पावों में। उसी रज कण से मुझे, आज लिपट जाने दे। श्याम रहमत के समंदर मे, उतर जाने दे।

कोई कहता मुझे पगली, कोई दीवानी कहे। दर्द होता ही नहीं दिल में, चोंट लाखो सहे। अब तो दीवानगी की हद से, गुजर जाने दे। श्याम रहमत के समंदर मे, उतर जाने दे।



तुझे पाने की ये जो चाह है, घटती ही नहीं। नज़रें मन मोहनी सूरत से, हटती ही नहीं। तेरे चहरे पे निगाहों को, ठहर जाने दे। श्याम रहमत के समंदर में, उतर जाने दे।

बेखबर जाने ना दो पल का,
भूल जात हे प्रभु का जा। लोग पाकर धन, उसका जीवन, उन्हें मोह माया के दल दल से उबर जाने दे। श्याम रहमत के समंदर में, उतर जाने दे।



श्याम धणी सरकार, सबके पालनहार। श्याम रहमत के समंदर में, उतर जाने दे। तेरी सेवा में ये जीवन, अब गुजर जाने दे। श्याम रहमत के समंदर में, उतर जाने दे।

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