तर्ज,जिंदगी एक सफर
पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।
माता उनकी पार्वती पिता है उनके कैलाशी।माता उनकी पार्वती पिता है उनके कैलाशी।माता उनकी पार्वती पिता है उनके कैलाशी। उनकी भक्ति में दिल को लगाना।उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।
कोढी को काया देते हैं निर्धन को माया देते हैं। बांझन को पुत्र देते है।कोढी को काया देते हैं निर्धन को माया देते हैं। बांझन को पुत्र देते है।कोढी को काया देते हैं निर्धन को माया देते हैं। बांझन को पुत्र देते है। उनके हृदय में बस जाना।उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।
सभी देवता ध्यान धरे अब तेरा गुणगान करें।सभी देवता ध्यान धरे अब तेरा गुणगान करें।सभी देवता ध्यान धरे अब तेरा गुणगान करें। मनवांछित फल है पाना उनकी धुन में तुम खो जाना।उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।
लड्डूबन का भोग लगे मूषक की सवारी करें।लड्डूबन का भोग लगे मूषक की सवारी करें।लड्डूबन का भोग लगे मूषक की सवारी करें।सभी देवता ध्यान धरे अब तेरा गुणगान करें।संग में रिद्धि सिद्धि को लाना,उनकी सेवा में तुम तर जाना।उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।पहले शिव गणपत को मनाना उनके चरणों में शीश को झुकाना।