लारे लारे राधा रुक्मण कंचन वालों रथडो राज।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।
द्वारिका सु चाल्यो रथडो नगर अंजार आयो राज,द्वारिका सु।हांकन वालो सेठ सांवरो राधा रुक्मण साथ में।।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।लारे लारे राधा रुक्मण कंचन वालों रथडो राज।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।
पवन छलांगा मारे घोड़लो चार पहिया रो रथडो राज, पवन छलांगा। मारगीय में धूल उड़ातो मायरो ले आयो राज।।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।लारे लारे राधा रुक्मण कंचन वालों रथडो राज।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।
ओजि भेष रुपाला मलमल वाला,सोना रूपाला थे हो मुरारी,भेष रुपाला। लयायो सगा रे बांध गांठडी मानक मोतयां सांवरो।।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।लारे लारे राधा रुक्मण कंचन वालों रथडो राज।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।
भगता घर भगवान पधारियां बखत पड़या थे राखी लाज,भगता घर। मोडिया आया हेलो सुनता सार्या सगला काज जी।।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।लारे लारे राधा रुक्मण कंचन वालों रथडो राज।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।
छप्पन करोड़ रो भरियो मायरो,आंगन गदगद होयो जी,छप्पन करोड़। नानी बाई रो धीर बंधायो भागवत सुरेश जोड़े हाथ।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।लारे लारे राधा रुक्मण कंचन वालों रथडो राज।नानी बाई रो भात भरण ने आयो म्हारो साँवरो।