घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।
घनश्याम तुम्हें भी तो मीरा ने पुकारा है।आके अमृत बना जाना,कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।
घनश्याम तुम्हें भी तो द्रोपदी ने पुकारा है। तुम चीर बढ़ा जाना,कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।
घनश्याम तुम्हें भी तो नरसी ने पुकारा है। आकर भात भरा जाना,कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।
घनश्याम तुम्हें भी तो राधा ने पुकारा है। आकर दिल में समा जाना,कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।
घनश्याम तुम्हें भी तो सखियों ने पुकारा है। आकर रास रचा जाना,कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।घनश्याम चले आना कलयुग के अंधेरे में।