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श्याम भजन लिरिक्स

Barbarik balwan,चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने,shyam bhajan

चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने

कलयुग में अवतार लिया है खाटू वाले श्याम ने। चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।कलयुग में अवतार लिया है खाटू वाले श्याम ने। चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।

तीन बाण तरकस में लेकर बर्बरीक बलवान चले। देकर वचन मां अहिलावती को पांडव कुल अवतार चले। करके प्रतिज्ञा हार का दामन थामा तेरे श्याम ने।चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।कलयुग में अवतार लिया है खाटू वाले श्याम ने। चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।

लेने परीक्षा स्वयं कृष्ण ने वेश विप्र का धार लिया। मानू तुझको मैं भी दानी दान इसका मांग लिया। देकर दान उस मुरलीधर को बचन रखा मेरे श्याम ने।चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।कलयुग में अवतार लिया है खाटू वाले श्याम ने। चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।

पाकर दान उस महाबली का वासुदेव भी चकराए। गौरव रखकर हाथ शीश पर कृष्ण कन्हैया फरमाए। कहलाए तुम शीश का दानी नाम दिया घनश्याम ने।चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।कलयुग में अवतार लिया है खाटू वाले श्याम ने। चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।

जान गया जग महिमा इनकी घर-घर ज्योति जलती है। सुधीर पारीक के साथ-साथ में छाया श्याम की चलती है। चमत्कार हर विपदा में दिखलाए बाबा श्याम ने।चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।कलयुग में अवतार लिया है खाटू वाले श्याम ने। चूलकाना शीश का दान दिया है बर्बरीक बलवान ने।

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