श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।
यमुना जल से नहाकर में निकली अभी। रेशमी वस्त्र पहने हैं मैंने तभी। झटका देकर मेरी फाड़ दी चुनरी। ऐसी बातों से दिल क्या बहल जाएगा।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।
आज तो छोड़ दो कल आऊंगी मैं। वादा करती हूं जो निभाऊंगी में। मुझको घर जाने दो देर हो जाएगी, मेरी सासू जी मुझ पर बिगड़ जाएगी।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।
मेरे सूने घरों में क्यों आते हो तुम, ग्वाल बाल संग दहिया खाते हो तुम। ऐसी करते जबरिया मेरे साथ तुम। बात ऐसी कहूं तुम्हें चुभ जाएगी।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।श्याम जमुना किनारे ना छेड़ो मुझे, पैर यमुना में मेरा फिसल जाएगा।