तर्ज- झूम बराबर झूम शराबी
दिल में समा ले, मन में समा ले,
मन की आँखे खोल, बोल महादेव बोल रे बन्दे, बोल महादेव बोल, बोल महादेव बोल रे बन्दें, बोल महादेव बोल ।।
देव दानव भी इसी, नाम से हल पाते है,
शिव के नाम से, बलवान भी बल पाते है, लाख खतरे हो, सब पाप भी जल जाते है,
इसी नाम से टल जाते है, कितने जन्मों के,
नाम लेते है शिव का, वो तो ही फल पाते है,खोटे सिक्के भी इसी, नाम से चल जाते है, दिल में समा ले, मन में समा ले, मन की आँखे खोल, बोल महादेव बोल रे बन्दें, बोल महादेव बोल ।।
भोले बाबा भोले, भक्तो का भरम रखते है, अपने भक्तो को तो वो, सबसे परम रखते है, विघ्नहर्ता है महादेव, विघ्न हरते है, जड़ेश्वर बाबा ही तो, सब पे करम करते है, देवता और नहीं, जब किसी की सुनते है, पुकारो दिल भोलेनाथ,
सच्चा ये वाक्या और, सच्ची ये कहानी है,
बूढ़ी औरत थी, अमरनाथ की दीवानी है, उसने अमरनाथ के, दर्शन की दिल में ठानी है, लोग पागल समझे, वो मगर सयानी है, अकेली चल पड़ी है, रात भी तूफानी है, मन में विश्वास है, की साथ में बर्फानी है ।।
इसी विश्वास में, वो तो चली जाती थी, बाबा बर्फानी के गुणगान, गाती जाती थी, तेज बारिश में तो, पहुंची अमरनाथ के पर दर तो, मैया को होश आया, और जोगी के देख के, उसको बड़ी हैरानी है, आँखों में तेज और, चेहरा बड़ा नूरानी है, वो हंस के चल दिया, बड़ा किरपानी है, वो कोई और नहीं था, बाबा बर्फानी है ।।