तर्ज : हमने घर छोड़ा है
तुझपे सब छोड़ा है, जग से मुँह मोड़ा है, मेरे श्याम चले आओ ना अब देर लगाओ ना ॥
बाबा तेरे दरबार के, सुंदर बड़े है नज़ारे बड़े से सजकर मेरे साँवरे, लगते बड़े प्यारे प्यारे ऐसा श्रृंगार किया है, हर दिल तुझपे फिदा है लीले चढ़कर आओ ना, अब देर लगाओ ना ॥
रखता नज़र, करता महर, विश्वास जब से हुआ है संग मेरे रहता है हरदम यही, महसूस हरपल किया है अपना हमे भी बनालो, हमको गले से लगालो प्रेम की ज्योत जगाओ ना, अब देर लगाओ ना ।
देखा नही, हमने कभी, एहसास इनका किया है हा है जब भी जिताया हमें, हरपल सहारा दिया है हमको तुझपे यकीं है, तुझ सा कोई नही है आज किशन तरसाओ ना, अब देर लगाओ ना।