तर्ज,दमादम मस्त कलंदर
सुन लो अरज मेरी ओ सालासर वाले, सुन लो अरज मेरी हो मेहंदीपुर वाले। सुमिरन है वंदन है मुझे चरणों से लगा ले। ओ बाबा घाटे वाले, ओ बाबा घाटे वाले तेरे बिन कौन संभाले। हटाकर बादल काले करो अब नए उजाले।
तुम हो जगत के पालन हारी, जो भी पूजा करे तुम्हारी।तुम हो जगत के पालन हारी, जो भी पूजा करे तुम्हारी। उन भक्तों के,उन भक्तों के,उन भक्तों के,उन भक्तों के, जीवन के हो रखवाले। हो संकट जितने भी तुमने ही टाले।ओ बाबा घाटे वाले, ओ बाबा घाटे वाले तेरे बिन कौन संभाले। हटाकर बादल काले करो अब नए उजाले।
तुम सा ना जग में कोई बलकारी। रहे राम के आज्ञाकारी।तुम सा ना जग में कोई बलकारी। रहे राम के आज्ञाकारी। राम नाम के तुम हो बड़े मतवाले, हो संकट जितने विकट ,वो तुमने है टाले।ओ बाबा घाटे वाले, ओ बाबा घाटे वाले तेरे बिन कौन संभाले। हटाकर बादल काले करो अब नए उजाले।
सुन लो अरज मेरी ओ सालासर वाले, सुन लो अरज मेरी हो मेहंदीपुर वाले। सुमिरन है वंदन है मुझे चरणों से लगा ले। ओ बाबा घाटे वाले, ओ बाबा घाटे वाले तेरे बिन कौन संभाले। हटाकर बादल काले करो अब नए उजाले।