सुध बुध खोई मैने मन हनुमान से जोड़ा। अब काहे में सोचू क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।
सूखे में सावन सा तू कश्ती तूफानों की। गिनती ना हो पाए तेरे एहसानों की।सूखे में सावन सा तू कश्ती तूफानों की। गिनती ना हो पाए तेरे एहसानों की। भक्तों ने जब भी पुकारा तू आया दौड़ा दौड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।
जो भी हनुमान को पूजे और चाहे सच्चे मन से। कोसों दूर है रहता दुख उसके जीवन से।जो भी हनुमान को पूजे और चाहे सच्चे मन से। कोसों दूर है रहता दुख उसके जीवन से।सबने दुख में छोड़ा पर तूने मुख ना मोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।
सुध बुध खोई मैने मन हनुमान से जोड़ा। अब काहे में सोचू क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।क्या पाया क्या छोड़ा।