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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Banshi ka bajana khel to hai,बंसी का बजाना खेल भी है,krishna bhajan

बंसी का बजाना खेल भी है

बंसी का बजाना खेल भी है
गिरिवर का उठाना खेल नहीं,
भक्तों के भारी संकट में
दुख दर्द मिटाना खेल नहीं ।





एक विप्र सुदामा आया था
वो भेंट में तंदुल लाया था
पल भर में ही दीन दुखी को
धनवान बनाना खेल नहीं ।बंसी का बजाना खेल भी है,गिरिवर का उठाना खेल नहीं,
भक्तों के भारी संकट में
दुख दर्द मिटाना खेल नहीं





कौरव दल द्रुपद दुलारी की
सुन कर पुकार दुखियारी की
दो गज की सारी में देखो
अंबार लगाना खेल नहीं।बंसी का बजाना खेल भी है,गिरिवर का उठाना खेल नहीं,
भक्तों के भारी संकट में
दुख दर्द मिटाना खेल नहीं





था कंस बड़ा अत्याचारी
देता था सबको दुख भारी
उसको जा मारा मथुरा में
दुष्टों को घटाना खेल नहीं ।बंसी का बजाना खेल भी है,गिरिवर का उठाना खेल नहीं,
भक्तों के भारी संकट में
दुख दर्द मिटाना खेल नहीं

जब बालक रूप दिखाया था, माता को खूब सताया था तब कूद पड़े काली देह में नागों को नचाना खेल नहीं।बंसी का बजाना खेल भी है
गिरिवर का उठाना खेल नहीं,
भक्तों के भारी संकट में
दुख दर्द मिटाना खेल नहीं ।

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