गोरा शिव को नाच नचावत है
नाचत नाच नचावत है ।
हरी हरी बिज़िया नित की घोटे
भर भर प्याला प्यावत है,
ता था थइय्या शिव जी नाचे
नन्दी ताल बजावत है।गोरा शिव को नाच नचावत है
नाचत नाच नचावत है ।
ताल ताल पर शिव जी थिरके
अंग अंग बल खावत है
घुंघटिये की ओट बेठ के
मंद मंद मुस्कावत है।गोरा शिव को नाच नचावत है
नाचत नाच नचावत है ।