श्याम सुमर के मेट बावली मंनडे रि तु खोट ने। सांवरियो देवेगो दर्शन घुंघटिए की ओट में।श्याम सुमर के मेट बावली मंनडे रि तु खोट ने। सांवरियो देवेगो दर्शन घुंघटिए की ओट में।
मन की आंख्यां खोल बावली तन की आंख्यां मिच ले। मंनडे री फुलवारी ने तू भाव भजन से सींच ले।रोज दिखेगो तने सांवरो भीतर जगती जोत में।श्याम सुमर के मेट बावली मंनडे रि तु खोट ने। सांवरियो देवेगो दर्शन घुंघटिए की ओट में।
गिगलिए के रूप में बाबो गोद में थारी खेले है।बाल रूप की सेवा करले इत उत काहे डोले है।या सुख जिसने मिलो बावली किस्मत वालों बहुत है।श्याम सुमर के मेट बावली मंनडे रि तु खोट ने। सांवरियो देवेगो दर्शन घुंघटिए की ओट में।
रहनो पड़सी सासरिए पीहर की याद सतावेगी। मने भरोसा सिख बाबुल की तूं ना कद बिसरावेगी।भाव को मरहम सदा लगाऊं, थारी एक-एक चोट में।श्याम सुमर के मेट बावली मंनडे रि तु खोट ने। सांवरियो देवेगो दर्शन घुंघटिए की ओट में।
भोला भगत ने सेवा देऊं दौड़यो-दौड़यो जाऊ जी। जो कुछ मिल जाए रुखा सुखा रुच रुच भोग लगाऊं जी।में तो रिझूं तुरत ही रोमी धन्ना भगत के रोट पे।श्याम सुमर के मेट बावली मंनडे रि तु खोट ने। सांवरियो देवेगो दर्शन घुंघटिए की ओट में।