थाने काजलियों बना ल्यूं, म्हारे नैना में रमा ल्यूं,श्याम पलकां में बंद कर राखूं जी ।।
देख देख के थाने बाबा, मन म्हारे हर्षायो जी, चाँद सी सुरत थारी बाबा, इपे वारी जाऊ जी. थारे दर्श ने मनडो तरसे, अब तो दर्श दिखाओ जी, जद से म्हारे नयन में बस गए, नींद किया फिर आवेली, थाने काजलियों बना ल्यूं, म्हारे नैना में रमा ल्यूं, श्याम पलकां में बंद कर राखूं जी, श्याम पलकां में बंद कर राखूं जी ।।
शीश पे थारे मुकुट विराजे, कान मैं कुंडल साजे जी, नैन नशीले श्याम धनी के, बनडो सो यो लागे जी, गल थारे फूलां री माला, सिर पर कलगी साजे जी तन थारे केसरियो बागो, मुखड़ों चाँद सो लागे जी,सिर पर कलगी साजे जी।
तन थारे केसरियो बागो, मुखड़ों चाँद सो लागे जी, था सू लून राई वारु, थारी नज़र उतारू, श्याम परदे में बंद कर राखू जी श्याम परदे मे बंद कर राखू जी ।
सोने के सिंघासन बेठयो, श्याम धनी मुस्कावे जी, मोरछडी ले हाथया माही, लागे म्हाने प्यारो जी, बैठेयो है दरबार लगा के, दुखडो दूर भगावे जी, थारी मोरछड़ी को जादू ईब तो श्याम दिखाओ जी, मेरी नैया मझदार, ‘विक्की’ का थे पालन हार, बनके माझी थे पार लगाओ, बनके माझी ते पार लगाओ जी ।।