मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,
लोक लाज कुलखानी छुट गई,
बंकि में है लगन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,
जित देखो तित ही वे दिखे,
घर बाहर आंगन में।जित देखो तित ही वे दिखे,
घर बाहर आंगन में।अंग अंग प्रति रोम रोम में,
छठा रही तन मन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।लोक लाज कुलखानी छुट गई,
बंकि में है लगन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,
कुंडल झलक कमोलक सोह्ये,भजु बंद भुजन में।कुंडल झलक कमोलक सोह्ये,भजु बंद भुजन में,
कनक कलिक ललित वन माला,नुपुर धनि चरनन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।लोक लाज कुलखानी छुट गई,
बंकि में है लगन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,
चपल नैनयन ब्रिकुती वरबंकि,थारो सबन रतन में।चपल नैनयन ब्रिकुती वरबंकि,थारो सबन रतन में।नारायण बिन मोल बिकी मैं,बांकी नेक हसन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।लोक लाज कुलखानी छुट गई,
बंकि में है लगन में,मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में।मोहन बस गयो री बस गयो मेरे मन में,