तर्ज,भोलानाथ अमली
म्हारा खाटू वाला श्याम म्हारा लिले वाला श्याम।हो सुख की साथी दुनियां बाबो दुःख मे आवे काम।म्हारा खाटू वाला श्याम म्हारा लिले वाला श्याम।हो सुख की साथी दुनियां बाबो दुःख मे आवे काम।
दीन सुदामा गया द्वारका लेकर गरीबी साथ। दीन सुदामा गया द्वारका लेकर गरीबी साथ। दोनों लोक का राज दे दिया पकड़ मित्र का हाथ।म्हारा खाटू वाला श्याम म्हारा लिले वाला श्याम।हो सुख की साथी दुनियां बाबो दुःख मे आवे काम।
नरसी जी का प्रेम देखकर पिघले दीनानाथ।नरसी जी का प्रेम देखकर पिघले दीनानाथ।संग रुकमणी लेकर आया भरण बहन को भात।म्हारा खाटू वाला श्याम म्हारा लिले वाला श्याम।हो सुख की साथी दुनियां बाबो दुःख मे आवे काम।
जब जब कष्ट हूवा भक्तों पर थे भी हुवा अधीर।जब जब कष्ट हूवा भक्तों पर थे भी हुवा अधीर।लीले पर असवार हो चला हरने सबकी पिड़।म्हारा खाटू वाला श्याम म्हारा लिले वाला श्याम।हो सुख की साथी दुनियां बाबो दुःख मे आवे काम।
श्याम नाम का अमृत पीकर जोड़ ले दिल के तार। श्याम नाम का अमृत पीकर जोड़ ले दिल के तार। करे बेधड़क जीवन नैया भवसागर से पार। म्हारा खाटू वाला श्याम म्हारा लिले वाला श्याम।हो सुख की साथी दुनियां बाबो दुःख मे आवे काम।