तर्ज, थाली भरकर लाई खीचड़ो
सालासर के बालाजी हे सुनियो म्हारी बातडली। मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली। आवां थारी जातड़ली बाबा आवां थारी जातड़ली।
सालासर के मंदिर माही जात जडूला भारी है। लड्डू पेड़ा भोग लगत और छत्र की शोभा न्यारी है। दरस करन ने खड़ा यात्री पूरो मन की आसडली।मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली।सालासर के बालाजी हे सुनियो म्हारी बातडली। मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली।
जयपुर से छूटयोडी मोटर सालासर को जाती है। महावीर के दर्शन करके बीकानेर को जाती है। बीकानेर से आकर मोटर खड़ी बितावे रातडली।मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली।सालासर के बालाजी हे सुनियो म्हारी बातडली। मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली।
भोत घड़यां सु बैठ्या बाबा अब पलका ने खोलो जी। श्याम मंडल शरण आपकी एक बार मुंह से बोलो जी। दास आप की करे आरती सुन लो मारी बातड़ली।मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली।सालासर के बालाजी हे सुनियो म्हारी बातडली। मनषा पूरी कर दो बाबा आयो थारी जातड़ली।