तर्ज,लाल दुपट्टा
लाल चुनरिया मैया की ऐसी रंगवाऊंगी। सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाउंगी। चुनरिया तारो ज़ड़ी माँ को प्यारी बड़ी।
राम लखन और भरत शत्रुगण उसमे चारो भाई हो। ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर संग गणपत गौरा माई हो। सब देव बसे हो चुनर में, बजरंगबली हो चुनर में, भैरो बाबा हो चुनरी में, गंगा यमुना सरस्वती चूनर पे जड़ाउंगी।सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाउंगी। चुनरिया तारो ज़ड़ी माँ को प्यारी बड़ी।
बलदाऊ के संग चुनार में ब्रज के कृष्णा कन्हाई हो। राधा रानी ब्राजमहरानी और यशोदा माई हो। सब देव बसे हो चुनर में, तीनो लोक बसे हो चुनर में, नवग्रह नवक्षत्र के तारे जड़वाउंगी।सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाउंगी। चुनरिया तारो ज़ड़ी माँ को प्यारी बड़ी।
लाल चुनरिया मैया की ऐसी रंगवाऊंगी। सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाउंगी। चुनरिया तारो ज़ड़ी माँ को प्यारी बड़ी।
नारद जी वीणा को लेकर मधुर गान गाते होंगे शेषनाग और गरुड़ नंदिया चुनर में आते होंगे भक्तो का प्यार हो चुनर में माँ का श्रृंगार हो चुनर में खिल खिल के चुनरिया माँ को पहनाऊँगी, सूरज चंदा गगन सितारे….
लाल चुनरिया मैया की ऐसी रंगवाऊंगी। सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाउंगी। चुनरिया तारो ज़ड़ी माँ को प्यारी बड़ी।