आज मेरे अंगना में आओ नन्दलाल, आओ गोपाल, दर्शन की प्यासी गुजरिया हूं श्याम ।
अंगना में आओ मेरे माखन को खाओ।अंगना में आओ मेरे माखन को खाओ।मीठी मीठी बतियां सुनाओ नन्दलाल ।आज मेरे अंगना में आओ नन्दलाल, आओ गोपाल, दर्शन की प्यासी गुजरिया हूं श्याम ।
अंग पे झंगुलिया, शीश पे लटुरिया।अंग पे झंगुलिया, शीश पे लटुरिया। दूध की दंतुलिया दिखाओ नन्दलाल । आज मेरे अंगना में आओ नन्दलाल, आओ गोपाल, दर्शन की प्यासी गुजरिया हूं श्याम ।
रैन नहि सोवे उठि भोर ही बिलोवे दधि,रैन नहि सोवे उठि भोर ही बिलोवे दधि। गावें और ध्यावें तोही कूं नन्दलाल । आज मेरे अंगना में आओ नन्दलाल, आओ गोपाल, दर्शन की प्यासी गुजरिया हूं श्याम ।
कोरी कोरी मट्की में धोरी धोरी गईयन को।कोरी कोरी मट्की में धोरी धोरी गईयन को। न्यारो ही जमाय दही राखो नन्दलाल ।आज मेरे अंगना में आओ नन्दलाल, आओ गोपाल, दर्शन की प्यासी गुजरिया हूं श्याम ।
खाओ बृजरानी को माखन नित्य प्रति।खाओ बृजरानी को माखन नित्य प्रति। प्रेम तें गरीबनी को खाओ नन्दलाल ।आज मेरे अंगना में आओ नन्दलाल, आओ गोपाल, दर्शन की प्यासी गुजरिया हूं श्याम ।