कालका बैठी बैठी नदी किनारे आप मंदिरियो थारो उजलो।कालका बैठी बैठी नदी किनारे आप मंदिरियो थारो उजलो।
थारे सामे मैया सिंह खड़यो है द्वार,सिंह खड़यो है द्वार,महिमा निराली उजली।संग में बैठा बैठा वभुत बाबजी आप,महिमा निराली आपकी।कालका बैठी बैठी,भवानी बैठी बैठी, नदी किनारे आप मंदिरियो थारो उजलो।
नदी ने देवे देवे निर्मल मैया नीर,निर्मल मैया नीर,मीठा बोले मोरिया।थारी सेवा होवे,झालर री झंकार, मां झालर री झंकार,भगता रा दुखड़ा काटनी।संग में लाग्यो, लागयो रांगोडिया का दात, केवटनी निराली या।कालका बैठी बैठी,भवानी बैठी बैठी, नदी किनारे आप मंदिरियो थारो उजलो।
भवानी पर्शी रामजी, ओ मैया पार्शीराम जी, धोक चरना माय हो धोक चरना माय,अर्जी सुनने आवजो।बेगी बेगी आय भवानी बेगी बेगी आय,थारा मंदिरीया री ड्योढी ऊंची लागे भवानी,बेगी बेगी आय।कालका बैठी बैठी,भवानी बैठी बैठी, नदी किनारे आप मंदिरियो थारो उजलो।