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Jagmag jagmag chamke mhari babul ki atariya,जगमग जगमग चमके म्हारी बाबुल की अटरिया,shadi geet

जगमग जगमग चमके म्हारी, बाबुल की अटरिया

तर्ज,नगरी नगरी द्वारे द्वारे

जगमग जगमग चमके म्हारी, बाबुल की अटरिया। भात भरण ने मारो बीरो आयो, लेकर लाल चुनरिया।जगमग जगमग चमके म्हारी, बाबुल की अटरिया। भात भरण ने मारो बीरो आयो, लेकर लाल चुनरिया।

बेल के जीसो फैल्यो म्हारो बाबूल को परिवार है।बाबूल को परिवार है।भाई भतीजा भांजा सु आंगणियो उजगार है।आंगणियो उजगार है।बेल के जीसो फैल्यो म्हारो बाबूल को परिवार है।बाबूल को परिवार है।भाई भतीजा भांजा सु आंगणियो उजगार है।आंगणियो उजगार है।मान घनों म्हारो कुल को सब ही,जाने है नगरिया।

जगमग जगमग चमके म्हारी, बाबुल की अटरिया। भात भरण ने मारो बीरो आयो, लेकर लाल चुनरिया।

मान घनों म्हारो पिवारिए में,लाड घणा ही राखे है।लाड घणा ही राखे है।भाई भोजाई राम सिया सा,मन में मूरत झांके है।मन में मूरत झांके है।मान घनों म्हारो पिवारिए में,लाड घणा ही राखे है।लाड घणा ही राखे है।भाई भोजाई राम सिया सा,मन में मूरत झांके है।मन में मूरत झांके है।अमर रहे म्हारा मां का जाया, देखीजे सांवरिया।

जगमग जगमग चमके म्हारी, बाबुल की अटरिया। भात भरण ने मारो बीरो आयो, लेकर लाल चुनरिया।

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