धन मांगू ना मैं दौलत मांगू, इज्जत मांगू ना मैं शोहरत मांगू।धन मांगू ना मैं दौलत मांगू, इज्जत मांगू ना मैं शोहरत मांगू। मैं तो सदा ही तेरा प्यार मांगू।
जिसमें हमारी खातिर श्याम को अपना शीश दिया है।जिसमें हमारी खातिर श्याम को अपना शीश दिया है। हम सुख चैन से जीवन गुजारे, पल में दान किया है। कैसे भूलोगे बताओ उसका यह एहसान।पल में दे दिया जिन्होंने अपने शीश का दान।मान मांगू ना सम्मान मांगू।मैं तो सदा ही तेरा प्यार मांगू।
धन मांगू ना मैं दौलत मांगू, इज्जत मांगू ना मैं शोहरत मांगू।धन मांगू ना मैं दौलत मांगू, इज्जत मांगू ना मैं शोहरत मांगू। मैं तो सदा ही तेरा प्यार मांगू।
चारों तरफ ही महक है इसकी महका है यह गुलशन।चारों तरफ ही महक है इसकी महका है यह गुलशन। जिस बगिया के तुम हो मालिक फूले फले हर आंगन। तेरा नाम लेकर जो जब है जो चला। मुश्किल पल में ही टली दुख भी सब टला।नाम मांगू ना में शान मांगू। हर धीरज में तेरा द्वार मांगू। मैं तो सदा ही तेरा प्यार मांगू।
धन मांगू ना मैं दौलत मांगू, इज्जत मांगू ना मैं शोहरत मांगू।धन मांगू ना मैं दौलत मांगू, इज्जत मांगू ना मैं शोहरत मांगू। मैं तो सदा ही तेरा प्यार मांगू।