सपने में आए हनुमान, हनुमान मने कर गए मालामाल सखी।सपने में आए हनुमान, हनुमान मने कर गए मालामाल सखी।
नींद जोर की मने आई थी,पड़ी अचानक परछाई ।नींद जोर की मने आई थी,पड़ी अचानक परछाई ।मैं तो देख हुई हैरान,हैरान,जब करने लगे सवाल सखी।सपने में आए हनुमान, हनुमान मने कर गए मालामाल सखी।
तन पे था सिंदूरी बाना,लाल लंगोटा लगे सुहाना।में तो गई उसे पहचान,पहचान वो थे अंजनी के लाल सखी।सपने में आए हनुमान, हनुमान मने कर गए मालामाल सखी।
चरणों में मैने शीश झुकाया,उसने सर पे हाथ टिकाया।समझे सबकी वो भली करे से। संकट सबके आप हरे से। मने दीन्हा था वरदान,वरदान,दुख विपदा सबकी टाले सखी।सपने में आए हनुमान, हनुमान मने कर गए मालामाल सखी।
संजय सबकी वह भली करे से। संकट सबके आप हरे से। वह रोज रटे भगवान, भगवान, बनते भक्तों की ढाल सखी।सपने में आए हनुमान, हनुमान मने कर गए मालामाल सखी।