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राम भजन लिरिक्स

Bhilni ki kutiya me aa gaye ram,भीलनी की कुटिया में आ गये राम,ram bhajan

भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

भीलनी कर रही रस्ता साफ़।भीलनी कर रही रस्ता साफ़।भीलनी कर रही रस्ता साफ़। घूम रहे दो भाई लक्ष्मण राम। भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

भीलनी ने आसन दिया ये बिछाए।भीलनी ने आसन दिया ये बिछाए।भीलनी ने आसन दिया ये बिछाए।बैठ गए दो भाई लक्ष्मण राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

भीलनी चुन चुन ल्यायि बैर।भीलनी चुन चुन ल्यायि बैर।भीलनी चुन चुन ल्यायि बैर।भीलनी चुन चुन ल्यायि बैर। चाक रहे दो भाई लक्ष्मण राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

भीलनी ने भोजन दिया ये परोस।भीलनी ने भोजन दिया ये परोस।भीलनी ने भोजन दिया ये परोस।भीलनी ने भोजन दिया ये परोस। जीम रहे दो भाई लक्ष्मण राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी ने ले गए अपने धाम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।भीलनी की कुटिया में आ गये राम।

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