क्या मांगू में भोले तुमसे कैसे तेरा ध्यान धरूं। तुमरी महिमा गाई ना जाए,कैसे में गुणगान करूं।
तुम हो साधु अलख निरंजन, राजाओं के सार तुम्ही। तुम ही दया के सागर हो और महा रुद्र अवतार तुम्ही।तुम हो साधु अलख निरंजन, राजाओं के सार तुम्ही। तुम ही दया के सागर हो और महा रुद्र अवतार तुम्ही।
क्या मांगू में भोले तुमसे कैसे तेरा ध्यान धरूं। तुमरी महिमा गाई ना जाए,कैसे में गुणगान करूं। क्या मांगू में भोले तुमसे
अंधेरे में दुनियां है डोले कुछ समझ ना आए हमें।ऐसी किरपा कर मेरे भोले सही राह दिख जाए हमें।अंधेरे में दुनियां है डोले कुछ समझ ना आए हमें।ऐसी किरपा कर मेरे भोले सही राह दिख जाए हमें।
क्या मांगू में भोले तुमसे कैसे तेरा ध्यान धरूं। तुमरी महिमा गाई ना जाए,कैसे में गुणगान करूं। क्या मांगू में भोले तुमसे
सही गलत हम समझ ना पाए थोड़ा हम पर ध्यान धरो।देर कहीं ना हो जाए भोले भवसागर से पार करो।सही गलत हम समझ ना पाए थोड़ा हम पर ध्यान धरो।देर कहीं ना हो जाए भोले भवसागर से पार करो।
क्या मांगू में भोले तुमसे कैसे तेरा ध्यान धरूं। तुमरी महिमा गाई ना जाए,कैसे में गुणगान करूं। क्या मांगू में भोले तुमसे
क्या मांगू में भोले तुमसे कैसे तेरा ध्यान धरूं। तुमरी महिमा गाई ना जाए,कैसे में गुणगान करूं। क्या मांगू में भोले तुमसे