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राम भजन लिरिक्स

Janki ki wajah se na me mar saka,जानकी की वजह से ना मैं मर सका,ram bhajan

जानकी की वजह से ना मैं मर सका।

तर्ज, हाल क्या है दिलों का

जानकी की वजह से ना मैं मर सका। जानकी की तरफ से रहा शून्य में।

राज मेरा बड़ा,कुल भी मेरा बड़ा। बल भी मेरा बड़ा,आयु मेरी बड़ी।राज मेरा बड़ा,कुल भी मेरा बड़ा। बल भी मेरा बड़ा,आयु मेरी बड़ी। वेद चार छहों शास्त्र कंठस्थ है। ज्ञान में भी बड़ा तूझसे बल बुद्धि में।जानकी की वजह से ना मैं मर सका। जानकी की तरफ से रहा शून्य में।जानकी की वजह से ना मैं मर सका।

मेरे रहने और सोने के स्वर्ण महल। है खजाना मेरा यह अवध से बड़ा।मेरे रहने और सोने के स्वर्ण महल। है खजाना मेरा यह अवध से बड़ा। देवता भी मेरे घर करे चाकरी, देवताओं को कर देता अवरुद्ध में। जानकी की वजह से ना मैं मर सका। जानकी की तरफ से रहा शून्य में।जानकी की वजह से ना मैं मर सका।

मैंने अपनों को ठुकरा कर गलती करी। बावरा तुमने अपने लगाए गले।मैंने अपनों को ठुकरा कर गलती करी। बावरा तुमने अपने लगाए गले। है भरत तेरा भाई तेरे संग में खड़ा। मेरा भाई खड़ा मेरे विरुद्ध में।जानकी की वजह से ना मैं मर सका। जानकी की तरफ से रहा शून्य में।जानकी की वजह से ना मैं मर सका।

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