मात भवानी ज्ञान बताइए सबसे पहले मनाऊं में। सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।मात भवानी ज्ञान बताइए सबसे पहले मनाऊं में। सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
शेर चढ़ी त्रिशूल हाथ में, विकट रूप किलकार करें। मां विकट रूप किलकार करें। भूमि का भार उतारण दुष्टों का संहार करे।पान पुष्प से करूं आरती नाम तेरे गाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
मात भवानी ज्ञान बताइए सबसे पहले मनाऊं में। सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
शुंभ निशुंभ महाबली दानव चंड मुंड मारने वाली। काली रूप अखंडी चंडी मुंडमाला धारण वाली।धूप दीप नैवेद्य से मैया नित तेरी में भेंट करूं।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
मात भवानी ज्ञान बताइए सबसे पहले मनाऊं में। सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
संकट हरण मंगल करणी दुख दरिद्र को नाश करें मां। दुख दरिद्र को नाश करें ।दिन जानकर करे मां की भक्ति अन्न धन का भंडार भरे।सच्चे मन से सुमिरन करले शक्ति को अर्ज सुनाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
मात भवानी ज्ञान बताइए सबसे पहले मनाऊं में। सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
जगदंबा काली ब्रह्माणी हस्तिनापुर में वास करे। मां हस्तिनापुर में वास करे। हाथ जोड़कर करूं विनती रामदास अरदास करें।सुख सम्पत्ति ब्रह्माणी मैया चित्त से नाही भुलाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।
मात भवानी ज्ञान बताइए सबसे पहले मनाऊं में। सुबह शाम तेरी करू आरती दुर्गा शीश नवाऊं में।