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राम भजन लिरिक्स

Me to bandar lunga lambi puch wala kaushlya ji ke lala machal gaye,मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला कौशल्या जी के लाला मचल गए,ram bhajan

मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।

मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।कौशल्या जी के लाला मचल गए।कौशल्या जी के लाला मचल गए।मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।

मचल गए कौशल्या नंदन माता पिता मनावे।कोयल कील मलाल खिलौने एक न मन को भावे।लोटे आंगन में और फेंके मोतियन माला,कौशल्या जी के लाला मचल गए।मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।

नृप दशरथ जी आज्ञा देकर बंदर बहुत मंगाए। रूठे रामलला को इनमें एक पसंद ना आए। कैसे रोवे रघुवर इस बंदर पे आला,कौशल्या जी के लाला मचल गए।मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।

चिंतित है दशरथ जी बोले गुरु वशिष्ट से जाकर। किस बंदर कितनों में गुरुवर देखें ध्यान लगाकर। इनकी हठ ने हमको असमंजस में डाला,कौशल्या जी के लाला मचल गए।मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।

सुना दशरथ जी जाग दिनों में राम बाल हट तट पर। हनुमान है नाम बसे वह ऋषि मुख पर्वत पर। रक्षक कपिस कंठ का मां अंजनी का लाला,कौशल्या जी के लाला मचल गए।मैं तो बंदर लूंगा लंबी पूंछ वाला, कौशल्या जी के लाला मचल गए।

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