जो खींच गगरिया सर से तूने लई कन्हैया, तेरे घर बोल दूंगी।मत छेड़े तू रस्ते में मौकु रास रचैया,तेरे घर बोल दूंगी।
रोज रोज कान्हा काहे मोहे सतावे तु। नियत से अपनी मोहन वाज ना आवे तू।रोज रोज कान्हा काहे मोहे सतावे तु। नियत से अपनी मोहन वाज ना आवे तू। चाहवे तूं माखन फोकट में ओ गाय चरैया,में माखन मोल दूंगी।मत छेड़े तू रस्ते में मौकु रास रचैया,तेरे घर बोल दूंगी।
करूं बर्दाश्त भारी बांके बिहारी। याद कर ले कल छीनी मटकी हमारी।करूं बर्दाश्त भारी बांके बिहारी। याद कर ले कल छीनी मटकी हमारी।महतारी से में करूं शिकायत औ छलिया, कालजा छोल दूंगी।मत छेड़े तू रस्ते में मौकु रास रचैया,तेरे घर बोल दूंगी।
यशोदा को जाकर कर,तूत सब बताऊंगी। बंधवा के तुझको मोहन मार में लगाऊंगी। यशोदा को जाकर कर,तूत सब बताऊंगी। बंधवा के तुझको मोहन मार में लगाऊंगी।छुड़वाऊं आदत मारेगी अब तोको मैया, हकीकत खोल दूंगी। मत छेड़े तू रस्ते में मौकु रास रचैया,तेरे घर बोल दूंगी।
मटकी में लाई माखन अलका किशोरी। हाथ जोड़ सुन लो प्रभु बिनती मोरी।मटकी में लाई माखन अलका किशोरी। हाथ जोड़ सुन लो प्रभु बिनती मोरी। अनूप को अपनी छत्रछाया दे दो मोहन,छंद रस घोल दूंगी।मत छेड़े तू रस्ते में मौकु रास रचैया,तेरे घर बोल दूंगी।
जो खींच गगरिया सर से तूने लई कन्हैया, तेरे घर बोल दूंगी।मत छेड़े तू रस्ते में मौकु रास रचैया,तेरे घर बोल दूंगी।