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श्याम भजन लिरिक्स

Huyi hai dukho ki maar paise paise se lachar karj utar de,हुई है दुखों की मार पैसे पैसे से लाचार कर्ज उतार दे,shyam bhajan

हुई है दुखों की मार पैसे पैसे से लाचार कर्ज उतार दे

जग दाता करुणा धार तेरा बहुत बड़ा उपकार। पार उतार दे, पार उतार दे, पार उतार दे।हुई है दुखों की मार, पैसे पैसे से लाचार, कर्ज उतार दे,कर्ज उतार दे,कर्ज उतार दे,कर्ज उतार दे,

तेरे जैसा कोई ना जग में एक तू ही सरताज है। हाथ जोड़कर विनती मेरी लाज तुम्हारे हाथ है।तेरे जैसा कोई ना जग में एक तू ही सरताज है। हाथ जोड़कर विनती मेरी लाज तुम्हारे हाथ है। मेरी करुणा रही पुकार सांवरे आ जाओ एक बार, हमें भी प्यार दे। हमें भी प्यार दे,, हमें भी प्यार दे

सूख गए हैं आंख के आंसू घुटने लगी है सांसे भी। कुछ नहीं दिखता लगी टूटने उम्मीदें और आशें भी।सूख गए हैं आंख के आंसू घुटने लगी है सांसे भी। कुछ नहीं दिखता लगी टूटने उम्मीदें और आशें भी। तेरा रहमत का दरबार है विनती बारंबार, भव से तार दे,भव से तार दे,भव से तार दे,भव से तार दे।

जग में मेरा कोई नहीं है तू ही मेरा सहारा है। अपना समझे सब भक्तों को ऐसा श्याम हमारा है।जग में मेरा कोई नहीं है तू ही मेरा सहारा है। अपना समझे सब भक्तों को ऐसा श्याम हमारा है। सृष्टि के सिरजनहार मेरी नाव पड़ी मझधार, पार उतार दे।पार उतार दे।पार उतार दे।पार उतार दे।

नितिन भी लिखता दुखड़ा अपना,सुन ले भाग्य विधाता। मेरी भी खाली झोली भर दे है मेरे अन्नदाता।नितिन भी लिखता दुखड़ा अपना,सुन ले भाग्य विधाता। मेरी भी खाली झोली भर दे है मेरे अन्नदाता। तेरा सच्चा है दरबार तुम सब का है आधार। कलम निखार दे,कलम निखार दे,कलम निखार दे,कलम निखार दे,

जग दाता करुणा धार तेरा बहुत बड़ा उपकार। पार उतार दे, पार उतार दे, पार उतार दे।हुई है दुखों की मार, पैसे पैसे से लाचार, कर्ज उतार दे,कर्ज उतार दे,कर्ज उतार दे,कर्ज उतार दे,

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