अरि अवध में बाजै बधैया,
कौशल्या के ललना भई,
अरे नौमी तिथि अति शीत न घामा,
कौशल्या के ललना भई।
अरि राम जी के भइले जनमवा
चला हो, करि आई दरशनवा।अरि अवध में बाजै बधैया,कौशल्या के ललना भई,
रानी कौशल्या अरि पलना झुलावैं….
रानी कौशल्या पलना झुलावैं,
पलना झुलावैं, गुइयाँ पलना झुलावैं
पलना झुलावैं रामा पलना झुलावैं
रानी कौशल्या पलना झुलावैं
देखि के विहसे परनवा।
माई कौशल्या बलि बलि जावैं ।
प्रकटे हैं राम भगवनवा।अरि राम जी के भइले जनमवा।चला हो, करि आई दरशनवा।अरि अवध में बाजै बधैया,
कौशल्या के ललना भई,
होत अनंद, अवध नगरी में।
शोभवा न जाई बरनवा।अरि राम जी के भइले जनमवा,चला हो, करि आई दरशनवा।
तुलसीदास, स्वामी सुख सागर।
सुन्दर लाल सलोनवा,अरि राम जी के भइले जनमवा,चला हो, करि आई दरशनवा।