नाम जापू जब भी में तेरा
भीग नयन मेरे जाते है
दुख मांगू में तो इस जीवन में
जो तेरी याद दिलाते है।
तेरे चरणों में हो घर मेरा
बस इतनी सी अरदास है
मैं क्या मांगू तुमसे ओ कान्हा
तेरा नाम ही मेरी स्वांस है।
में ना जानू कुछ भी गिरधर
जाग मुझको न अपना
छोड के सब कुछ आया तेरे दर
मुझको तू अपना,
न जीना तुझसे दूर जहां
तेरा नाम न कोई पुकारे
मेरा अपना नहीं कोई तेरे शिवा,मुझे अपने पास बुला ले।तेरे चरणों में हो घर मेरा
बस इतनी सी अरदास है
मैं क्या मांगू तुमसे ओ कान्हा
तेरा नाम ही मेरी स्वांस है।
जब दर्शन तेरा कर आऊं
दिल रोये घबराए
छवि केद कर सराय आंखों में
बंद नयन मुस्कान
उसी क्षण ले लेना प्राण मेरे
फिर संग तेरे जा ना पाऊँ
तेरी सेवा कर तेरे साथ रहु
और क्या में तुमसे चाहूं।
तेरे चरणो में हो घर मेरा
बस इतनी सी अरदास है
मैं क्या मांगू तुमसे ओ कान्हा,,तेरा नाम ही मेरी स्वांस है।
फिर न जाने कब तुम मुझको दर्शन दोगे कान्हा
बंद नयन न खोलूं जब तक तुम लेने न आना।
जन्म जन्म तेरी भक्ति मील
तुझको न भूल में पाऊं।
तुमको ही सब मान लिया तुझसे में दूर न जाऊं।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे